ग्रीन कॉफी के 5 अनोखे फायदे, विधि और नुकसान - मिश्री
ग्रीन कॉफी के अनोखे फायदे, विधि और नुकसान

ग्रीन कॉफी के 5 अनोखे फायदे, विधि और नुकसान

ग्रीन कॉफी के फायदे कई सारे हैं जैसे कि वेट लॉस, सामान्य ब्लड शुगर लेवल आदि। ग्रीन कॉफी के फायदे और नुकसान से जुड़ी जानकारी यहां से प्राप्त कर सकते हैं।

सेहतमंद दिनचर्या के लिए सेहतमंद डाइट फॉलो करना बेहद जरूरी है। इस लिस्ट में ग्रीन कॉफी भी शामिल है जो अपने साथ कई फायदे लेकर आती है। ग्रीन कॉफी के फायदे खासतौर पर वेट लॉस, सामान्य ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल के लिए जाने जाते हैं।

यह सच है कि ग्रीन कॉफी वजन कम करने के लिए जानी जाती है और इसका सेवन करने से वेट लॉस में मदद मिलती है। लेकिन ग्रीन कॉफी के फायदे सिर्फ यहां तक ही सीमित नहीं हैं। ग्रीन कॉफी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है जो बीमार होने के आसार कम करने में मदद कर सकते हैं।

इस बात की तह तक जाने के लिए हम आपके लिए ग्रीन कॉफी के फायदे और नुकसान के साथ- साथ ग्रीन कॉफी बनाने की विधि की जानकारी लेकर आए हैं।

ग्रीन कॉफी एक अच्छा और सेहतमंद ऑप्शन है जिसे डाइट में शामिल करना बेहद आसान है। यहां से आप ग्रीन कॉफी के फायदे से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

1. वेट लॉस

क्या ग्रीन कॉफी से वेट लॉस होता है? ग्रीन कॉफी और वेट लॉस, दोनों शब्द एक साथ लिए जाते हैं। कुछ अध्ययन में पाया गया है कि ग्रीन कॉफी का सेवन करने से वेट लॉस में मदद मिलती है। इसे डाइट में बेहद आसानी के साथ शामिल किया जा सकता है। ग्रीन कॉफी बनाने के लिए गर्म पानी में ग्रीन कॉफी पाउडर डालें और ग्रीन कॉफी तैयार है। यह बात सही है कि रेगुलर कॉफी के मुकाबले ग्रीन कॉफी में कैफीन की मात्रा कम होती है लेकिन वेट लॉस के लिए इसका सेवन नियमित रूप से करें।

2. सामान्य ब्लड प्रेशर

क्लोरोजेनिक एसिड के कारण ग्रीन कॉफी के फायदे बढ़ जाते हैं। ग्रीन कॉफी का रंग हरा क्यों है? कॉफी बीन्स का रंग हरा नहीं है जिन्हें रोस्ट नहीं किया जाता है, रोस्ट ना करने के कारण इसमें क्लोरोजेनिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है। एक अध्ययन के अनुसार सही मात्रा में ग्रीन कॉफी का सेवन करने से ब्लड वेसल्स स्वस्थ रहती हैं जिससे शरीर में खून का बहाव सामान्य बना रहता है।

ग्रीन कॉफी बीन्स
ग्रीन कॉफी के फायदे सामान्य ब्लड प्रेशर के लिए

3. अच्छा मूड

कई अध्ययन में दावा किया गया है कि ग्रीन कॉफी पीने से मूड अच्छा होता है जिससे पूरा दिन अच्छा जाता है। ग्रीन कॉफी पीने से दिमाग की सेहत ग्रीन कॉफी के अर्क की मदद से स्वस्थ बनी रहती है। ऐसे होने से दिमाग से जुड़ी बीमारी और भूलने की बीमारी होने के आसार कम हो जाते हैं।

4. एंटी एजिंग

ग्रीन कॉफी में भारी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जिस कारण से यह फ्री रेडिकल से लड़ने में मदद करते हैं। फ्री रेडिकल हानिकारक सेल होते हैं जो स्वस्थ सेल के साथ मिल जाते हैं। लेकिन अगर शरीर में एंटीऑक्सीडेंट हैं तो यह फ्री रेडिकल के साथ मिल जाते हैं और इन्हें खत्म कर देते हैं। ग्रीन कॉफी पीने  से फ्री रेडिकल का खतरा कम हो जाता है। आपको बता दें कि फ्री रेडिकल अधिकतर बढ़ती उम्र के आसार समय से पहले लेकर आ जाते हैं। ग्रीन कॉफी का सेवन करने से ऐसा होने के आसार

टहनी पर ग्रीन कॉफी बीन्स
ग्रीन कॉफी के फायदे एंटी एजिंग के लिए

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5. सामान्य शुगर लेवल

ग्रीन कॉफी के अर्क एंटी- डायबटिक खूबी के लिए बहुत पॉपुलर हैं। कई अध्ययन में यह पाया गया है कि ग्रीन कॉफी के अर्क टाइप- 2 डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद करते हैं। और साथ ही उन लोगों के शुगर लेवल को कम रखता है जो टाइप- 2 डायबटीज से गुजर रहे हैं।

ग्रीन कॉफी बनाने की विधि

ग्रीन कॉफी को रोजाना पीने के लिए सबसे जरुरी है कि आप यह जान लें कि इसको फ्लेवर से भरपूर कैसे बनाना है। ग्रीन कॉफी को पाउडर के इस्तेमाल से बनाना बेहद आसान है। यहां से आप ग्रीन कॉफी बनाने की सिंपल विधि की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

  1. सबसे पहले 1 ½ चम्मच ग्रीन कॉफी लें और फिर पानी को बर्तन में डालें और दोनों को गैस स्टोव पर उबलने दें।
  2. इसको अच्छे से उबाल लें।
  3. उबलने के बाद गैस मीडियम कर दें और 10 मिनट तक धीरे- धीरे उबलने दें।
  4. अब गैस से उतार लें और कप में ग्रीन कॉफी को छान लें।
  5. अब आप सेहतमंद ग्रीन कॉफी पी सकते हैं।
कप में ग्रीन कॉफी
ग्रीन कॉफी कैसे बनाएं

ग्रीन कॉफी के नुकसान

कॉफी में कैंमिकल की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए कॉफी का सेवन सही मात्रा में ही करना चाहिए। यहां से आप ग्रीन कॉफी के नुकसान की जानकारी ले सकते हैं।

1. कैफीन

हालांकि ग्रीन कॉफी में उतनी मात्रा में कैफेन नहीं होता है जितनी मात्रा में रोस्ट की हुई कॉफी में होता है लेकिन यह फिर भी ज्यादा है। सोने से पहले कॉफी को नहीं पीना चाहिए, ऐसा करने से नींद नहीं आती है। अधिक मात्रा में कैफेन का सेवन करने से दिल की बीमारी जैसे कि कार्डिएक एरिद्मिया (cardiac arrhythmia) होने के आसार बढ़ जाते हैं।

2. होमोसिस्टीन बढ़ना

कई अध्ययन में बताया गया है कि ग्रीन कॉफी पीने से खून में होमोसिस्टीन का स्तर बढ़ जाता है। होमोसिस्टीन, एमीनो एसिड है जो खून में पाया जाता है। इसके बढ़ने से दिल की बीमारी होने के आसार बढ़ जाते हैं।

आखिर में

आखिर में हम यही कहेंगे कि ग्रीन कॉफी सेहतमंद जिंदगी जीने के लिए एक अच्छा ऑप्शन है। जैसा हम हर खाने या पीने की चीज़ के बारे में कहते हैं कि हर चीज़ के फायदे और नुकसान जानने के बाद ही उसे अपनी डाइट में शामिल करें। ग्रीन कॉफी को नियमित रूप और सही मात्रा में सेवन करें और स्वस्थ रहें।

FAQs

ग्रीन कॉफी से जुड़े दिलचस्प सवालों के जवाब यहां से प्राप्त कर सकते हैं।

1. क्या ग्रीन कॉफी सेहतमंद है?

ग्रीन कॉफी में क्लोरोजेनिक एसिड पाया जाता है जिससे जुड़े कई सारे फायदे हैं। ग्रीन कॉफी के फायदे सामान्य ब्लड प्रेशर लेवल, ब्लड शुगर लेवल बनाए रखने में मदद करते हैं। ग्रीन कॉफी में कैफीन होता है लेकिन रेगुलर कॉफी के मुकाबले मात्रा कम होती है।

2. क्या ग्रीन कॉफी वेट लॉस में मदद करती है?

कुछ रिचर्स में ऐसा बताया गया है कि ग्रीन कॉफी से वेट लॉस हो सकता है। नियमित रूप से ग्रीन कॉफी का सेवन करने से वेट लॉस में मदद मिल सकती है।

3. क्या ग्रीन कॉफी में कैफीन होता है?

रेगुलर कॉफी के मुकाबले ग्रीन कॉफी में कैफीन की मात्रा कम होती है। एक कप रेगुलर कॉफी में जितना कैफीन होता है, उसका 20-50% कैफीन एक कप ग्रीन कॉफी में होता है।

4. इसे ग्रीन कॉफी क्यों कहते हैं?

ग्रीन कॉफी सामान्य, कच्चे कॉफी बीन्स हैं जिन्हें रोस्ट नहीं किया गया है। रोस्टिंग प्रोसेस के कारण कॉफी का रंग भूरा हो जाता है।

5. क्या रोजाना ग्रीन कॉफी पी सकते हैं?

यह बात सही है कि ग्रीन कॉफी में रेगुलर कॉफी के मुकाबले कैफीन की मात्रा कम होती है लेकिन ग्रीन कॉफी के फायदे लेने के लिए इसका सेवन नियमित रूप से करना चाहिए।अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन करने से पेट से जुड़ी दिकक्तें, हाई बी.पी जैसी परेशानियां हो सकती हैं।

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