क्या ओट्स ग्लूटेन फ्री है? पता लगाएं (Is Oats Gluten-Free? Find Out)
ओट्स सबसे पोष्टिक खाना है जिसमें सभी आहार सही मात्रा में होते हैं। जिन लोगों को एलर्जी है उन लोगों को ओट्स का सेवन करने से पहले डॉक्टर से अच्छे से सलाह लेनी चाहिए।
ओट्स प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन फ्री होते हैं और इसका सेवन वो लोग कर सकते हैं जिनको ग्लूटेन से एलर्जी है। ग्लूटेन, दो तरह का प्रोटीन है जो एक साथ चिपक कर ग्लू जैसी स्थिरता बना लेते हैं। ग्लूटेन शब्द का जन्म लेटिन शब्द से हुआ है जिसका असली मतलब ग्लू होता है। ओट्स बहुत सेहतमंद है और साथ ही पोषण से भरपूर भी है। ब्रेकफास्ट में ओट्स का सेवन करना बहुत लाभदायक है क्योंकि इससे आपका पेट लंबे समय के लिए भरा रहता है।
ओट्स खाने के कई तरीके हैं- ओट्स को पकाया भी जा सकता है और बैक भी किया जा सकता है। इस कारण से ओट्स को कई तरीके से बनाकर खाया जा सकता है। ओट्स का आटा भी बना सकते हैं जिसको पैनकेक, केक आदि खाने की चीजें बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ओट्स के मोटे आटे को कुकीज़ और ब्राउनीज़ भी बना सकते हैं।
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ओट्स को खिचड़ी के रूप में सबसे ज्यादा तौर पर पकाया और खाया जाता है। ओट्स की खिचड़ी को ओट्स और दूध को मिलाकर बनाया जाता है और फिर जब तक खिचड़ी गाढ़ी नहीं हो जाती है तब तक उबलने दें। दूध के कारण खिचड़ी गाढ़ी हो जाती है। ऐसा करने से खिचड़ी फ्लेवर से भरपूर होने के साथ स्वादिष्ट स्थिरता के साथ तैयार हो जाती है। ओट्स और किशमिश की कुकीज़ सभी उम्र के लोगों को इसके टैक्शर और स्वाद के कारण पसंद होती है। पैककेक में ओट्स पैनकेक सबसे स्वादिष्ट होते हैं और इसको मेपल सिरप, शहद और बटर के साथ खा सकते हैं।
विषय सूची
ओट्स और ग्लूटेन का रहस्य (The Mystery Of Oats And Gluten)
ओट्स को ग्लूटेन के द्वारा आसानी से दूषित किया जा सकता है। ओट्स को दो तरीके से दूषित किया जा सकता है- जहां ओट्स को प्रोसेसड किया जाता है या फिर जहां ओट्स को उगाया जाता है। ओट्स को जहां प्रोसेसड किया जाता है शायद वहां गेंहू और जौ को भी प्रोसेस किया जाता है और इनमें ग्लूटेन होता है। इन अनाज से ग्लूटेन आसानी से ओट्स में चला जाता है क्योंकि अनाज पास रखे हो सकते हैं। ग्लूटेन एलर्जी से गुजर रहे लोगों के लिए बहुत कम मात्रा में ग्लूटेन भी हानिकारक हो सकता है। अगर ओट्स को गेंहू और जौ की फसल के पास उगाया जा रहा है तब भी ओट्स ग्लूटेन से दूषित हो सकते हैं।
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ग्लूटेन फ्री ओट्स को प्राप्त करना इतना मुश्किल काम नहीं है जितना आपने सोचा होगा। यह हर जगह आसानी से मिल जाते हैं। यह पूरी दुनिया में सबसे आसानी से और सस्ता मिलने वाला अनाज है। ओट्स के टैक्शर के कारण यह पकाने के लिए सबसे अच्छा अनाज है। इसको कई तरीके से पकाया जा सकता है। इनको बैक करने के साथ- साथ पकाना भी बेहद आसान है क्योंकि इसके टैक्शर के कारण ओट्स कम समय में बन जाते हैं। बाकी के ग्लूटेन फ्री आटे के मुकाबले बैक्ड चीजों के लिए ओट्स को बेस्ट माना जाता है। पोटेटो स्टार्च और जिंक गम (xanthan gum) के मुकाबले ओट्स के साथ काम करना आसान है।
यह भी पढ़ें- ओट्स के फायदे और नुकसान- हैल्थ, स्किन और बालों के लिए | ओट्स रेसिपी
क्या आपको पूरे तरीके से ग्लूटेन एलर्जी नहीं है (Not gluten sensitivity, after all!)
ओट्स को दूषित होने से रोकने के लिए इसको उगाते समय और प्रोसेस करते समय ध्यान देना जरुरी है। ओट्स के दूषित होने पर किए गए अध्ययन में कुछ बातें सामने आई हैं। जिन लोगों को ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील हैं, यह जरुरी नहीं है कि उनको सीलिएक रोग (celiac disease) है। ओट्स में मिलने वाले ग्लूटेन के निशान मिलने पर नेगेटिव असर शायद ना हो और ऐसा ओट्स में मौजूद FODMAP के कारण हो सकता है।
FODMAP कार्बोहाइड्रेट का गुच्छा होता है जिसको कई खाने की चीजों में पाया जाता है। FODMAP का फुल फॉर्म किण्वनीय ओलिगोसैकेराइड्स, डिसाकेराइड्स, मोनोसैकेराइड्स और पॉलीओल्स (Fermentable Oligosaccharides, Disaccharides, Monosaccharides and Polyols) है। अगर आपको लगता है कि आप ओट्स में मौजूद ग्लूटेन से संवेदनशील हैं, हो सकता है कि आप ग्लूटेन से संवेदनशील ना हो और ओट्स में मौजूद FODMAP से हो। यह सिद्धांत तब ज्यादा भरोसेमंद हो जाते हैं जब आपको सीलिएक रोग (celiac disease) नहीं है।
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FODMAP कार्बोहाइड्रेट में कार्बोहाइड्रेट के साथ लैक्टोज और फ्रुक्टोज होता है। लैक्टोज और फ्रुक्टोज कुछ ऐसे तरह के कार्बोहाइड्रेट हैं जिनको कुछ लोग पचा नहीं पाते हैं, खासकर वो जो कार्बोहाइड्रेट से असहिष्णु (intolerant) हैं।
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ओट्स पाया जाने वाला FODMAP कार्बोहाइड्रेट हो सकता है कि ग्लूटेन के साथ दूषित हो गया है जो परेशान प्रतिक्रिया (disturbing reaction) का कारण है। ग्लूटेन से गुजर रहे लोग ओट्स खा सकते हैं लेकिन इससे पहले FODMAP कार्बोहाइड्रेट लेवल को जांच लें जिससे शरीर में होने वाले अचानक बदलाव से कोई परेशानी ना हो जाए। जिन लोगों FODMAP कार्बोहाइड्रेट के प्रति संवेदनशील हैं उन लोगों को डॉक्टर से इस बार में बात करनी चाहिए। जो ओट्स ग्लूटेन के कारण दूषित हो जाते हैं उन ओट्स को खाने से कोई खतरा नहीं होता है।
ग्लूटेन संवेदनशील होने का मतलब यह नहीं है कि आपको सीलिएक रोग (celiac disease) है (Gluten sensitivity doesn’t mean you have celiac disease)
दुनिया में कई सारे लोगों को ग्लूटेन संवेदनशीलता है। इसका मतलब यह नहीं है कि उनको सीलिएक रोग (celiac disease) है। सीलिएक रोग तब होता है जब आपको ग्लूटेन संवेदनशीलता बहुत कठोर है जिसको सहन नहीं किया जा सकता है। आसान शब्दों में कहे तो सीलिएक रोग में ग्लूटेन संवेदनशीलता अपने शीखर पर होती है। जानकारी की कमी होने के कारण लोगों को अंतर का पता नहीं होता है। ग्लूटेन संवेदशीतलता में आपको बहुत कम या फिर हल्का दर्द होता है, वहीं सीलिएक रोग में हद से ज्यादा दर्द हो सकता है। बहुत खराब स्थिति में उस इंसान को दर्द से राहत पाने के लिए मेडिकल सहायता की जरुरत पड़ सकती है।
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कठोर है जिसको सहन नहीं किया जा सकता है।
क्या ओट्स के साथ सिर्फ दूषित होने की परेशानी होती है? (Is contamination the only problem that could come with oats?)
एक समस्या वाला अनाज होने के लिए ओट्स को ग्लूटेन द्वारा दूषित किया जाना जरुरी नहीं है। ग्लूटेन की परेशानी सिर्फ आग में घी का काम करती है। बिना दूषित हुए ओट्स भी सीलिएक रोग से गुजर रहे लोगों को कई परेशानी दे सकते हैं। ऐसा होने पर लोग हैरान और असमंजस की स्थिति में आ जाते हैं। यहां दोषी ग्लूटेन नहीं है क्योंकि बिना पके हुए ओट्स में शायद ही ग्लूटेन होता है।
यहां दोषी एक प्रोटीन है जिसे एवेनिन नाम से जाना जाता है। एवेनिन मुख्य रूप से ओट्स में पाया जाता है और इसमें ग्लूटेन से मिलते- झुलते गुण होते हैं। यह प्रोटीन इम्यून सेल को एक्टिव कर देता है जो ग्लूटेन पर प्रतिक्रिया करता है, जिन लोगों को सीलिएक रोग है उन लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है। जिन लोगों को सीलिएक रोग है उन लोगों के लिए बेहतर होगा कि वो लोग ऐसी खाने की चीजों से दूर रहें जिनमें एवेनिन या ग्लूटेन प्रोटीन पाया जाता है जैसे कि ओट्स।
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ओट्स खाते समय इन बातों का रखें ध्यान (Points to remember when consuming oats)
ओट्स को पोषण से भरपूर खाना माना जाता है। लेकिन इसके बावजूद जिन लोगों को एलर्जी है उन लोगों को ओट्स खाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
ग्लूटेन फ्री डाइट फोलो करने वाले लोगों को ओट्स की पैकेजिंग पर दी गई जानकारी पर यह जरुरी देखना चाहिए है कि क्या ओट्स ग्लूटेन से दूषित हैं? क्या ओट्स को ग्लूटेन फ्री वातावरण में उगाया गया है या नहीं।
लेबल की जांच अच्छे से करें और सिर्फ वही ओट्स खरीदें जो ग्लूटेन फ्री हैं। ग्लूटेन फ्री ओट्स खरीदने से पहले एवेनिन प्रोटीन की जांच करवाना जरुरी है।
संदर्भ