तिल के बीज के नुकसान (Side Effects Of Sesame Seeds In Hindi)

तिल के बीज के नुकसान (Side Effects Of Sesame Seeds In Hindi)

किसी भी खाने की चीज़ का सेवन करने से पहले उसकी मात्रा पर जरुर ध्यान दें। अधिक मात्रा में किसी भी खाने की चीज़ से आपको उससे जुड़े नुकसान देखने पड़ सकते हैं। ऐसा ही तिल के बीज के साथ भी है।

सेहतमंद डाइट का मतलब होता है कि हर चीज़ का सेवन सही मात्रा में करना। सही मात्रा में किसी भी चीज़ का सेवन करने से आपको उससे फायदे मिलेंगे। वैसे ही तिल के बीज के साथ भी है। अगर आपको इसके फायदे चाहिए हैं तो आपको इसका सेवन सही मात्रा में करना होगा। जैसा कि हम हर बार सलाह देते हैं कि हर चीज़ के फायदे के साथ- साथ नुकसान के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। यहां से आप तिल के बीज के नुकसान के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Side-Effects Of Sesame Seeds
सही मात्रा में किसी भी चीज़ का सेवन करने से आपको उससे फायदे मिलेंगे।

तिल के बीज के नुकसान (Side Effects Of Sesame Seeds In Hindi)

तिल के बीज ब्लड शुगर लेवल कम कर सकता है (Sesame Seeds May Lower Blood Sugar Level In Hindi)

तिल के बीज के फायदे ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए जाने जाते हैं। तिल के बीज के फायदे ब्लड शुगर लेवल को सामान्य बनाए रखने से भी जुड़े हुए हैं। तिल के बीज के फायदे इसमें मौजूद प्रोटीन और डायट्री फाइबर के कारण हैं। प्रोटीन को पचने में समय लगता है जिससे अग्न्याशय को इंसूलिन बनाने का काफी समय मिल जाता है।

लेकिन अगर तिल के बीज का सेवन अधिक मात्रा में कर लिया जाए तो ब्लड शुगर लेवल सामान्य से भी कम हो सकता है।

तिल के बीज से ब्लड प्रेशर कम हो सकता है (Sesame Seeds May Lower Blood Pressure In Hindi)

हाई ब्लड प्रेशर के लिए तिल के बीज को खासतौर पर जाना जाता है। तिल के बीज में मौजूद मिनरल्स खून में नमक की मात्रा को सामान्य बनाए रखने में मदद करते हैं। नमक की मात्रा ज्यादा होने से ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है।

अधिक मात्रा में तिल के बीज का सेवन करने से ब्लड प्रेशर सामान्य से भी कम हो सकता है।

तिल के बीज पथरी का कारण बन सकते हैं (Sesame Seeds Can Cause Appendicitis In Hindi)

अपेंडिसाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें अपेंडिक्स फूलने लगता है और दर्द भी होने लगता है। यह अधिकतर बिना पचे हुए खाने के कारण होता है। तिल के बीज में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिस कारण वजन कम होने में मदद मिलती है। जब फाइबर का सेवन किया जाता है तो इसको पचने में समय लगता है।

लेकिन अगर अधिक मात्रा में इसका सेवन कर लिया जाए तो पेट में दर्द और रुकावट हो सकती है।

Side-Effects Of Sesame Seeds
अधिक मात्रा में इसका सेवन कर लिया जाए तो पेट में दर्द और रुकावट हो सकती है।

4. तिल के बीज से तीव्रग्राहिता का खतरा हो सकता है (Sesame Seeds May Increase Risk Of Anaphylaxis In Hindi)

तिल के बीज का सेवन अनियमित रूप से करने से एनाफिलेक्सिस का खतरा हो सकता है। ऐसा होने से मितली, सांस लेने में परेशानी और शौक जैसी परेशानी हो सकती है।

तिल के बीज से कुछ लोगों को एलर्जी भी हो सकती है। इसलिए तिल के बीज को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरुर सलाह लें।

तिल के बीज से अस्वस्थ तरीके से वजन बढ़ सकता है (Sesame Seeds May Cause Unhealthy Weight Gain In Hindi)

जैसा कि आपको पहले बी बताया गया है कि तिल के बीज डायट्री फाइबर से भरपूर होते हैं। फाइबर का सेवन करने पर इसको पचने में ज्यादा समय और एनर्जी लगती है। फाइबर खाने से आपको भूख कम लगती है और आपको वजन कम करने में मदद मिलती है।

लेकिन अगर तिल के बीज का सेवन अधिक मात्रा में कर लिया जाए तो वजन कम होने की जगह अस्वस्थ तरीके से बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि फाइबर पच नहीं पाएगा जिससे वजन बढ़ जाएगा।

तिल के बीज के अन्य नुकसान (Other Common Side-Effects)

गाउट की बीमारी से गुजरने वाले लोगों को तिल के बीज के सेवन से एकदम दूर रहना चाहिए। तिल के बीज में ऑक्सालेट्स नाम का कंपाउंड पाया जाता है जिससे गाउट होने के आसार बढ़ जाते हैं।

विल्सन की बीमारी में शरीर से अलग- अलग अंगों में कॉपर जमा होने लगता है जो कई बार खतरनाक हो सकता है। तिल के बीज में कॉपर पाया जाता है इसलिए जो लोग इस बीमारी से गुजर रहे हैं वो लोग तिल के बीज से दूर रहें।

Side-Effects Of Sesame Seeds
गाउट की बीमारी से गुजरने वाले लोगों को तिल के बीज के सेवन से
एकदम दूर रहना चाहिए।

एक दिन में कितनी मात्रा में तिल के बीज का सेवन करना चाहिए? (What Should Be Your Average Sesame Seed Consumption Per Day?)

यह बहुत जरुरी है कि तिल के बीज का सेवन सही मात्रा में ही होना चाहिए। तिल के बीज का सेवन सही मात्रा में करने से आपको इसके फायदे मिलेंगे लेकिन अगर इसका सेवन सही मात्रा में नहीं किया गया तो आपको इससे नुकसान भी हो सकते हैं। इसके लिए आपको तिल के बीज खाने की सही मात्रा के बारे में जानकारी होनी जरुरी है।

हालांकि एकदम सही मात्रा में रोजाना तिल के बीज का सेवन करने की मात्रा के बारे में बताना थोड़ा मुश्किल है। क्योंकि यह कई सारी बातों पर निर्भर करता है जैसे कि उम्र, शरीर और शारीरिक गतिविधि। लेकिन तिल के बीज का सेवन 40 ग्राम से 50 ग्राम के बीच होना चाहिए और इसके फायदे आपको कुछ ही हफ्तों में दिखने भी लग जाएंगे।

आखिर में

तिल के बीज के नुकसान आपको तभी होंगे जब आप इनका सेवन सही मात्रा में नहीं करेंगे। सही मात्रा में किसी भी खाने की चीज़ का सेवन नहीं करने से आपको उसके नुकसान ही मिलेंगे। लेकिन अगर आपको तिल के बीज के सेवन करने की सही मात्रा का पता चल गया तो आपको सिर्फ तिल के बीज से फायदे ही मिलेंगे। इसलिए तिल के बीज को डाइट में शामिल करने से पहले इससे जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त कर लें।

FAQs

  1. रोजाना तिल के बीज खाने से क्या होता है? (What happens if we eat sesame seeds daily?)

    सही मात्रा में रोजाना तिल के बीज का सेवन करना लाभदायक हो सकता है। डाइट में तिल के शामिल करने से एनर्जी मिलती है। इसके साथ ही तिल के बीज फाइबर, आयरन आदि पौष्टिक तत्व से भरपूर होते हैं।

  2. क्या तिल के बीज कच्चे खा सकते हैं? (Can you eat raw sesame seeds?)

    तिल के बीज कच्चे खा सकते हैं। अगर आपको स्वाद और फ्लेवर बढ़ाना है तो इन बीज को रोस्ट करने के बाद भी खा सकते हैं। तिल के बीज कई डिश में आसानी से शामिल किए जा सकते हैं।

  3. एक दिन में कितनी मात्रा में तिल के बीज का सेवन करना चाहिए? 9How much sesame seeds should I eat daily?)

    एक दिन में 3 चम्मच तक तिल के बीज का सेवन किया जा सकता है। तिल के बीज के फायदे लेने के लिए इनका सेवन सही मात्रा में करना जरुरी है। अधिक मात्रा में सेवन करने से नुकसान भी हो सकते हैं।

  4. क्या तिल के बीज को पचाना मुश्किल है? (Are sesame seeds hard to digest?)

    अगर आप तिल के बीज को भिगाकर खाएंगे तो यह आसानी से पच जाते हैं। कच्चे तिल के बीज को पचने में समय लगता है।

  5. तिल के बीज के नुकसान क्या हैं? (What are the side effects of sesame seeds?)

    अधिक मात्रा में तिल के बीज का सेवन करने से नुकसान भी हो सकते हैं जैसे कि अस्वस्थ तरीके से वजन बढ़ सकता है, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है और इसके साथ ही पथरी होने के खतरा बढ़ सकता है।

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